कुलपति का कहना है कि एमएमएमयूटी की शिक्षा, शोध को अंतरराष्ट्रीय स्तर की बनाई जाएगी। खुद की प्रवेश परीक्षा पर ज्यादा बजट खर्च होता है। यूपी सहित दूसरे राज्यों के सभी छात्र प्रवेश परीक्षा भी नहीं दे पाते हैं। प्रक्रिया में बदलाव के बाद और अच्छे छात्र-छात्राएं आएंगे। प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव पर सहमति बन चुकी है। अब काउंसिल और बीओजी से मुहर लगेगी, फिर अगले शैक्षिक सत्र से सीटें केंद्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं से भरने का सर्कुलर जारी किया जाएगा।
गेट से भरेंगी एमटेक, पीएचडी की सीटें
पीएचडी और एमटेक की सीटें ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) से भरी जा सकती हैं। इसके लिए यूनिवर्सिटी अलग से प्रवेश परीक्षा कराती है। इस पर ज्यादा बजट खर्च होता है। गेट का आयोजन आईआईटी करती है। इसके सहारे एमटेक, पीएचडी की सीटें भरी जाती हैं। गेट स्कोर के सहारे ही सेल, भेल, गेल, एचएएल, बीपीसीएल, आईओसी सहित तमाम कंपनियां जॉब भी देती हैं।