आईआईटी, एनआईटी और ट्रिपल आईटी की तरह ही मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) गोरखपुर की बीटेक की सीटें ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) मेन या फिर एडवांस से भरी जाएंगी। इसका मसौदा तैयार कर लिया गया है। जल्द ही मामला एकेडमिक काउंसिल, एक्जीक्यूटिव काउंसिल और बोर्ड ऑफ गवर्नर (बीओजी) की मीटिंग में ले जाया जाएगा। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो शैक्षिक सत्र 2018-19 से यह बदलाव हो जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य शैक्षिक और शोध की गुणवत्ता बढ़ाना है।
एमएमएमयूटी में बीटेक की 660 सीटें हैं। कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, मेकेनिकल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा भी होती है। शैक्षणिक सत्र 2017-18 की प्रवेश परीक्षा करा ली गई है। इसके रिजल्ट 20 जून तक आ सकते हैं। इससे पहले ही नव नियुक्ति कुलपति प्रो. एसएन सिंह ने एडमिशन और प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया में बदलाव का खाका तैयार कर लिया है।
कुलपति का कहना है कि एमएमएमयूटी की शिक्षा, शोध को अंतरराष्ट्रीय स्तर की बनाई जाएगी। खुद की प्रवेश परीक्षा पर ज्यादा बजट खर्च होता है। यूपी सहित दूसरे राज्यों के सभी छात्र प्रवेश परीक्षा भी नहीं दे पाते हैं। प्रक्रिया में बदलाव के बाद और अच्छे छात्र-छात्राएं आएंगे। प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव पर सहमति बन चुकी है। अब काउंसिल और बीओजी से मुहर लगेगी, फिर अगले शैक्षिक सत्र से सीटें केंद्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं से भरने का सर्कुलर जारी किया जाएगा।
गेट से भरेंगी एमटेक, पीएचडी की सीटें
पीएचडी और एमटेक की सीटें ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) से भरी जा सकती हैं। इसके लिए यूनिवर्सिटी अलग से प्रवेश परीक्षा कराती है। इस पर ज्यादा बजट खर्च होता है। गेट का आयोजन आईआईटी करती है। इसके सहारे एमटेक, पीएचडी की सीटें भरी जाती हैं। गेट स्कोर के सहारे ही सेल, भेल, गेल, एचएएल, बीपीसीएल, आईओसी सहित तमाम कंपनियां जॉब भी देती हैं।
कुलपति का कहना है कि एमएमएमयूटी की शिक्षा, शोध को अंतरराष्ट्रीय स्तर की बनाई जाएगी। खुद की प्रवेश परीक्षा पर ज्यादा बजट खर्च होता है। यूपी सहित दूसरे राज्यों के सभी छात्र प्रवेश परीक्षा भी नहीं दे पाते हैं। प्रक्रिया में बदलाव के बाद और अच्छे छात्र-छात्राएं आएंगे। प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव पर सहमति बन चुकी है। अब काउंसिल और बीओजी से मुहर लगेगी, फिर अगले शैक्षिक सत्र से सीटें केंद्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं से भरने का सर्कुलर जारी किया जाएगा।
गेट से भरेंगी एमटेक, पीएचडी की सीटें
पीएचडी और एमटेक की सीटें ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) से भरी जा सकती हैं। इसके लिए यूनिवर्सिटी अलग से प्रवेश परीक्षा कराती है। इस पर ज्यादा बजट खर्च होता है। गेट का आयोजन आईआईटी करती है। इसके सहारे एमटेक, पीएचडी की सीटें भरी जाती हैं। गेट स्कोर के सहारे ही सेल, भेल, गेल, एचएएल, बीपीसीएल, आईओसी सहित तमाम कंपनियां जॉब भी देती हैं।
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